मुगल शासन


उत्तरी भारत में मुस्लिम आक्रमणों से पहले इस चोटी से पहाड़ी रियासत ने अच्छे दिन देखे। तलहटी के राज्यों को मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बार-बार तहस नहस किया। 10वीं सदी के आरम्भ में महमूद गजनवी ने काँगड़ा किले पर विजय प्राप्त की। तैमुर और सिकंदर लोदी भी निचले पहाड़ी इलाकों में आये और अनेक लड़ाईयां लड़ी और किलों पर कब्ज़ा कर लिया।

तत्पश्चात अब मुग़ल वंश टूटने लगा तो पहाड़ी राज्यों के राजाओं ने इसका पूरा फायदा उठाया। काँगड़ा के कटोच शासकों ने इस मौके को भुनाया और महाराजा संसार चंद ने अगली आधी सदी तक काँगड़ा पर स्वतंत्रता पूर्वक शासन किया। वह इलाके के कुशल शासकों में से एक थे। काँगड़ा किले पर औपचारिक अधिग्रहण करने के बाद संसार चंद ने अपना सम्राज्य बढ़ाना शुरू कर दिया। चम्बा, सुकेत, बिलासपुर, गुलेर, ज्स्वा, सिवान और द्तारपुर के राज्य संसार चंद के प्रत्यक्ष नियंत्रण में आ गये।