सिख तीर्थ स्थल
सिख सिरमौर के शासकों के निमंत्रण पर, 1695 ई में हिमाचल प्रदेश में शिवालिक पहाड़ियों पर मुगलों से लड़ने में मदद के लिए आये थे। गुरु गोविन्द सिंह जी अपनी सेना के साथ पौंटा साहिब के तलहटी में रहे थे। महाराजा रंजित सिंह के शासनकाल के दौरान 18 वीं सदी के अंत में, पश्चिमी पहाड़ी राज्यों के कई लोग भी सिख संप्रभुस्त्ता के अधीन आ गये।
पौंटा साहिब: यह सिखों के तीर्थ स्थानों में से एक प्रमुख स्थान है। यहाँ स्थित सुरम्य गुरुद्वारा सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविन्द सिंह जी के द्वारा सिरमौर जिले की यमुना नदी के किनारे पर बसाया गया था।
मणिकर्ण: मणिकर्ण एक शांत और रहस्यमयी गर्म पानी के चश्में के रूप में एक पवित्र सिख तीर्थस्थान है । सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी ने इस स्थान का भ्रमण किया था । यहाँ पर स्थित गुरुद्वारा उनकी यात्रा के यादगार के रूप में बनाया गया था जो कि आज के समय में सिखों का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बन गया है।