वर्ष 2015 में एनआईसी हिमाचल प्रदेश द्वारा जीते गए पुरस्कार
एनआईसी हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार - गोल्ड चिन्ह एकीकृत ऑनलाइन होटल आरक्षण प्रणाली के लिए जीता
एनआईसी हिमाचल प्रदेश की परियोजना “एकीकृत ऑनलाइन होटल आरक्षण प्रणाली” के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार के तहत एक्स श्रेणी “अभिनव राज्य सरकार पीएसयू/ सहकारिता / संघ/ सोसियटी द्वारा सूचना संचार प्रोद्योगिकी की उपयोग के लिए वर्ष 2015-16” में गोल्ड चिन्ह से सम्मानित किया गया है I राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 21-22 जनवरी 2016 में नागपुर में आयोजित 19वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किये गए I महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस राष्ट्रीय सम्मेलन ने विजेता टीम को पुरस्कार प्रदान किए I माननीय परिवहन, केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और प्रशासनिक सुधार के माननीय मंत्री डॉ जितेंदर सिंह सम्मलेन के उद्घाटन स्तर के दौरान उपस्थित थे I
सर्कल में बाएँ से दाएं: महाराष्ट्र सरकार के आईटी सचिव, श्री संदीप सूद, श्री भूपेंदर पाठक, श्री चुन्नी लाल, सुश्री प्रियंका वासु इंगटी - निदेशक आईटी हिमाचल प्रदेश, श्री देवेन्द्र फडणवीस, माननीय मुख्यमंत्री महाराष्ट्र, श्री एस के चौधरी - सचिव डीएआरपीजी - भारत सरकार , श्री अजय सिंह चैहल, राज्य - सूचना विज्ञान अधिकारी हिमाचल प्रदेश, श्री संदीप कुमार, श्री गोपाल सूद - प्रबंधक आईटी एचपीटीडीसी I
एनआईसी हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों द्वारा लिखित दो पत्र, 19वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मलेन के पत्रों के संग्रह में प्रकाशित किया गया है I
शीर्षक | लेखक |
---|---|
भारत में ई-गवर्नेंस – बदलते समय के साथ जन सहभागिता बढ़ाना | अजय सिंह चैहल- वैज्ञानिक-एफ और एसआईओ, हिमाचल प्रदेश संदीप सूद- वैज्ञानिक-डी, एनआईसी हिमाचल प्रदेश ललित कपूर - वैज्ञानिक-ई, एनआईसी हिमाचल प्रदेश |
हिमाचल प्रदेश में ई-गवर्नेंस के दस वर्ष परिवहन विभाग - डिजिटल इंडिया की ओर अग्रसर | भुपेंदर पाठक - वैज्ञानिक-डी और डीआईओ काँगड़ा पंकज गुप्ता - वैज्ञानिक-डी और डीआईओ शिमला अजय सिंह चैहल - वैज्ञानिक-एफ और एसआईओ हिमाचल प्रदेश |
हिमाचल प्रदेश ने देश में डिजिटल इंडिया वीक के दौरान सबसे बेहतर स्टेट प्रदर्शन में दूसरे स्थान के लिए डिजिटल इंडिया ई-गवर्नेंस पुरस्कार प्राप्त किया
राज्य सरकार ने जुलाई में आयोजित डिजिटल इंडिया सप्ताह के दौरान अपने योगदान के लिए ई-गवर्नेंस पुरस्कार समारोह में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है I हिमाचल प्रदेश भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरे स्थान पर रहा है I यह पुरस्कार 28 दिसम्बर 2015 को सुशासन दिवस के अवसर पर संचार और प्रोद्योगिकी मंत्री माननीय श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रस्तुत किया गया है I यह पुरस्कार एसीएस(आईटी), एसआईओ और हिमाचल प्रदेश के सूचना प्रोद्योगिकी विभाग और एनआईसी हिमाचल प्रदेश के आधिकारियों द्वारा प्राप्त किया गया I इन विभागों के आधिकारियों को सक्रीय रूप से डिजिटल इंडिया वीक को सफल बनाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर शामिल किया गया था I
बाएँ से दाएं : डॉ अजय कुमार – अतिरिक्त सचिव, डीआईटी,महानिदेशक एनआईसी भारत सरकार, श्री शैलेन्द्र कौशल, एसएसए एनआईसी हिमाचल प्रदेश , श्री अजय सिंह चैहल, एसआईओ एनआईसी हिमाचल प्रदेश , श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय सूचना एवं आईटी केन्द्रीय मंत्री , श्री राजीव शर्मा, संयुक्त निर्देशक, डीआईटी हिमाचल प्रदेश, श्री अनिल सेमवाल, उपनिदेशक, डीआईटी हिमाचल प्रदेश और श्री संजीव गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव(आईटी) हिमाचल प्रदेश सरकार I
बाएं से दाएं : डॉ अजय कुमार – अतिरिक्त सचिव, डीआईटी,महानिदेशक एनआईसी भारत सरकार, श्री विजय कुमार - डीआईओ सिरमौर, श्री पंकज गुप्ता - डीआईओ शिमला, श्री युनूस - एडीसी शिमला, श्री रविशंकर प्रसाद - माननीय केन्द्रीय सूचना एवं आईटी मंत्री, श्री बी सी बड़ालिया - उपायुक्त सिरमौर, श्री अभिषेक जैन - उपायुक्त ऊना और श्री संजीव कुमार - डीआईओ I
डिजिटल इंडिया वीक 1-7 जुलाई 2015 के बीच पूरे देश में मनाया गया और इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न डिजिटल पॉइंट ऑफ़ प्रेसेंस जैसे कि सरकारी कार्यालयों, सीएससी/ डाकघरों/ ब्लॉक/ स्कूल एवं ग्राम पंचायतों आदि के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों को जानकारी व शिक्षा प्रदान करना था I हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह के दौरान बहुत से कार्यक्रम आयोजित किए गये तथा इसकी रिपोर्टिंग ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से की गयी I
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने डिजिटल इंडिया वीक का शुभारंभ ई-डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के तहत चल रही 7 कमीशन सेवाओं - जन्म, मृत्यु, विवाह पंजीकरण, परिवार रजिस्टर आदि जैसी सेवाओं से किया I इस कार्यक्रम के दौरान एक आधार स्थायी नामांकन केंद्र का भी शुभारंभ किया गया I इसके आलावा ई-विधान, मंडी पर्यटन मोबाइल एप और माय-डायरी मोबाइल एप को भी शुरू किया गया I साइबर सुरक्षा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया और उसमें नागरिकों कि जागरूकता के लिए काउंटरों की राज्य भर में स्थापना की गयी जिसमें सरकार और अन्य सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलिवरी के बारे में अवगत किया जा सके I स्कूलों में ई-गवर्नेंस के लिए प्रश्नोतरी का आयोजन किया गया I उस अवधि के दौरान ई-गवर्नेंस की गतिविधिओं के बारे में ज्ञान के प्रसार के लिए विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया I
इस वीक के दौरान लगभग 11,000 नागरिकों ने जिला सूचना विज्ञान अधिकारी और लोक-मित्र केन्द्रों के माध्यम से अपने डिजिटल लाकर्स खुलवाए जो कि राष्ट्रीय औसत का लगभग दुगनी प्रतिशत में है I घटना के सभी फोटोज और वीडियों को पोर्टल पर अपलोड किया गया तथा कौन से राज्य और जिले का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है इसका मूल्यांकन डीआईटी, भारत सरकार द्वारा किया गया I आईटी विभाग - हिमाचल प्रदेश, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र - हिमाचल प्रदेश और सीएससी ने ई-गवर्नेंस के विभिन्न पहलुओं के बारे में नागरिकों के बीच में जागरूकता लाने में डिजिटल इंडिया वीक के दौरान अपना सक्रिय योगदान दिया I
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों सिरमौर, शिमला और ऊना को सबसे अच्छे योगदान के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ I सम्बंधित जिलों के उपायुक्त/ उप-उपायुक्त और जिला सूचना विज्ञान अधिकारियों ने सुशासन दिवस पर इन पुरस्कारों को प्राप्त किया I
एनआईसी हिमाचल प्रदेश की 2 परियोजनाओं – हिमभूमि - एकीकृत भू-अभिलेख कम्प्यूटरीकरण और हिमकोश - एकीकृत वित्त प्रबंधन प्रणाली के लिए सीएसआई निहिलेंट ई-गवर्नेंस पुरस्कार - 2015 दिया गया I यह पुरस्कार 3 दिसम्बर 2015 को नई दिल्ली में आयोजित 50वें वार्षिक गोल्डन जुबली सीएसआई सम्मलेन के दौरान प्रो विपिन वी मेहता भारत के कंप्यूटर सोसियटी के अध्यक्ष ने प्रस्तुत किया I डी डी शर्मा, आईएएस और विशेष सचिव(वित्त, राजस्व) - कम - निदेशक कोषालय पुरस्कार प्रस्तुति समारोह में हिमाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व किया I
एनआईसी हिमाचल प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व श्री अजय सिंह चैहल- राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी, श्री ललित कपूर - तकनिकी निदेशक, श्री संदीप सूद - प्रधान सिस्टम विश्लेषक, श्री विजय कुमार गुप्ता - प्रधान सिस्टम विश्लेषक, श्री संजय कुमार - प्रधान सिस्टम विश्लेषक और श्री दलजीत सिंह राणा - वरिष्ठ सिस्टम विश्लेषक ने किया I सीएसआई निहिलेंट ई-गवर्नेंस पुरस्कारों में 2012-15 तक एनआईसी हिमाचल प्रदेश ने कुछ 4 पुरस्कार अपने नाम किए है I हिमभूमि परियोजना हिमाचल प्रदेश में भूमि रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण के साथ शुरू हुई हिमाचल प्रदेश के मौजूदा अधिकार(आरोआर) के रिकॉर्ड का सच प्रतिकृति किया जा रहा है और यह पंजीकरण प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया गया है और इसके बाद की प्रक्रिया में परिवर्तन(सुधार) की एक संख्या में हाल के वर्ष में प्रभावित हुआ है I यह सॉफ्टवेर राजस्व, नागरिक और सतर्कता विभाग के लिए और भूमि योजना आदि के उद्देश्यों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है I इससे राज्य की पंचायतों में स्थापित किया गया है तथा इससे आरओआर(जमाबंदी) प्रतियों की संख्या, नागरिक सेवा केंद्र - लोक मित्र के माध्यम से दैनिक नागरिकों द्वारा की जा सकती है I
हिमकोश का उद्देश्य वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणाली में सुधार के मूल उद्देश्य के साथ कोषागारों में उत्पन्न रसीद और व्यय डेटा को इंटर-लिंक करके और एफडी, विभागाध्यक्षों द्वारा आवंटित निधि को उनके क्षेत्र के अधिकारियों को जारी करके एक ऑनलाइन एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली प्रदान करना है। सभी विभागों का संपूर्ण वित्त संचालन ऑनलाइन है, डेटा का पुन: उपयोग किया जा रहा है और सभी भुगतान केवल ऑनलाइन मोड के माध्यम से किए जा रहे हैं। उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप भी विकसित किए गए हैं और व्यापक रूप से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों द्वारा समान रूप से उपयोग किए जाते हैं। इन दोनों सॉफ्टवेयरों को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, हिमाचल प्रदेश द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है और पिछले कुछ वर्षों में मूल्यवर्धन किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यकताओं और प्रौद्योगिकी उपलब्धता के अनुसार कई नई नागरिक और कर्मचारी केंद्रित विशेषताएं जोड़ी गई हैं।
एनआईसी हिमाचल प्रदेश की स्वयंसिद्धम परियोजना के शिक्षा पोर्टल के लिए मान्यता पुरस्कार का मंथन प्रमाणपत्र
हिमाचल प्रदेश ने सभी शिक्षकों और छात्रों को सक्षम करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल का विकास किया जिसमें सभी प्रासंगिक सीखने की सामग्री उपलब्ध करवाई गयी है इससे मंथन पुरस्कार 2015 में प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ I
एनआईसी हिमाचल प्रदेश की 2 परियोजनाओं - स्कीम मॉनिटरिंग सिस्टम और हॉट डाक ट्रैकिंग सिस्टम को वर्ष 2016 में पीसीक्वेस्ट द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में बेस्ट आईटी इम्प्लीमेंटेशन व बेस्ट ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट्स अवार्ड्स मिले I यह पुरस्कार साइबर मीडिया (इंडिया) लिमिटेड द्वारा आयोजित 11-13 मार्च 2016 तक आयोजित 13वीं सीआईओ फोरम के दौरान हैदराबाद में प्रस्तुत किये गए I श्री अखिलेश भारती-जिला सूचना विज्ञान अधिकारी मंडी और श्री विनोद कुमार गर्ग - जिला सूचना विज्ञान अधिकारी हमीरपुर ने एनआईसी का प्रतिनिधित्व किया और पुरस्कार प्राप्त किए I
एनआईसी की मानव सम्पदा (मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली) परियोजना ने 23 सितम्बर 2015 को स्कॉच स्मार्ट गवर्नेंस अवार्ड 2015 जीता I मानव सम्पदा सॉफ्टवेर एक उत्पादन के तौर पर विकसित किया गया है तथा इससे हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया है I यह झारखण्ड राज्य में कार्यान्वित की जा रही है और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ भागों में लागू की जा रही है और इससे पंजाब/चंडीगढ़ में लागू करने का विचार किया जा रहा है I
22 सितम्बर 2015 को नई दिल्ली में हुए स्कॉच सम्मलेन में एनआईसी हिमाचल प्रदेश को 8 परियोजनाओं के लिए स्कॉच मेरिट प्राप्त हुआ है और ये परियोजनाएं हैं:
क्र. सं. | परियोजना | एनआईसी टीम |
---|---|---|
1 | मानव सम्पदा (मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली) | श्री संजय कुमार, श्री वैभव अग्रवाल एनआईसी मुख्यालय, श्री अमित कनोजिया, श्री सर्वजीत कुमार |
2 | एचपीटीडीसी - ऑनलाइन होटल आरक्षण प्रणाली | श्री संजय शर्मा, श्री संदीप कुमार, श्री सी एल कश्यप, श्रीमती स्मृति जैन |
3 | जेल वार्ता - कैदियों की उनके रिश्तेदारों के साथ वीडियो कांफ्रेंस | श्री ललित कपूर, श्री पृथ्वीराज नेगी, श्री आशीष शर्मा, श्री शैलेंदर कौशल |
4 | स्वयंसिद्धम - ऑनलाइन अध्यापक छात्र पोर्टल | श्री विजय कुमार गुप्ता, श्री दलजीत सिंह राणा, श्री मुकेश कुमार |
5 | राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची प्रबंधन प्रणाली | श्री संदीप सूद, श्रीमती वंदना धीमान, श्री प्रवीण शर्मा |
6 | हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग का एमआईएस सॉफ्टवेर | श्री संजय ठाकुर, श्री विमल कुमार शर्मा |
7 | हॉट डाक ट्रेकिंग सिस्टम एनआईसी हमीरपुर द्वारा विकसित | श्री विनोद कुमार गर्ग एवं श्री भूपिंदर सिंह |
8 | स्कीम मोनिटरिंग सिस्टम एनआईसी मंडी द्वारा विकसित | श्री अखिलेश भारती एवं श्री अश्वनी कुमार |
अन्य योग्यता तस्वीरें…
एनआईसी हिमाचल प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में आईसीटी पहल के लिए बहुत से पुरस्कार हासिल किए हैं और इन सभी स्तरों पर एनआईसी हिमाचल प्रदेश के सभी अधिकारीयों की सक्रीय भागीदारी के साथ संभव हुआ है I
हिमाचल प्रदेश द्वारा जीते हुए पिछले पुरस्कार